उत्तराखंडदेहरादून

स्वास्थ्य के सवाल पर दमन नहीं सहेंगे, चौखुटिया से देहरादून 300 किलोमीटर पैदल यात्रा तय कर पहुंचे आंदोलनकारी:

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विधायक मदन बिष्ट धरना स्थल पर पहुँचे, आंदोलनकारियों के समर्थन में दिया बड़ा बयान

Pahadfirst उत्तराखंड | देहरादून।
चौखुटिया विकासखंड से स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी के खिलाफ राजधानी पहुँचे आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा किए गए बलप्रयोग की चौतरफा निंदा हो रही है।
आज धरना स्थल पर पहुँचे नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विधायक मदन बिष्ट ने इस कार्रवाई को “लोकतंत्र की आत्मा पर हमला” करार दिया।

“स्वास्थ्य माँगना अपराध नहीं, अधिकार है”

नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा,
> “स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा की माँग करना कोई अपराध नहीं हो सकता।
> आंदोलनकारियों को डराना, घेरना और दबाना लोकतांत्रिक मूल्यों का सीधा अपमान है।”

विधायक मदन बिष्ट ने भी तीखा प्रहार करते हुए कहा,
> “यह सरकार संवेदनशीलता नहीं, सत्ता का दंभ दिखा रही है।
> जनता की आवाज़ को पुलिस बल से नहीं दबाया जा सकता।”

“जनता की आवाज़ सदन से सड़क तक गूंजेगी”

नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई किसी एक गाँव या क्षेत्र की नहीं, बल्कि हर उस नागरिक की है जो अपने अधिकारों के लिए खड़ा होता है।
उन्होंने कहा कि सरकार जितना दबाव बनाएगी, जनता उतनी ही ताकत से उठेगी।

“जरूरत लाठी की नहीं, नीति की है”

धरना स्थल पर मौजूद सैकड़ों लोगों ने एक स्वर में कहा —
“हमें अस्पताल चाहिए, अपमान नहीं।
हमें डॉक्टर चाहिए, डर नहीं।
हमें इलाज चाहिए, इजाज़त नहीं!”

यह आंदोलन अब सिर्फ चौखुटिया का नहीं रहा — यह उत्तराखंड की हर उपेक्षित आवाज़ का प्रतीक बन चुका है।
सरकार को अब जवाब देना होगा — कब तक जनता को उसके अधिकारों से वंचित रखा जाएगा?

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