पहाड़ के किसान पहले सिर्फ पारंपरिक खेती को ही भरोसेमंद मानते थे, लेकिन बदलते वक्त और बाजार में विदेशी सब्जी और फलों की डिमांड को देख किसानों ने नई फसलों की ओर रुख किया है. इससे किसान को आमदनी का नया जरिया मिल रहा है. उत्तराखंड में कीवी की खेती का रकबा तेजी से बढ़ रहा है. कीवी की बढ़ती मांग को देखते हुए बागेश्वर में इसकी बागवानी बहुत बड़े स्तर पर हो रही है. कमाई के हिसाब से यह फल सेब से भी ज्यादा आमदनी देने वाला है.
जी हा इसी कड़ी में एक अच्छी खबर बागेश्वर इस पहाड़ी जिले ने कीवी की बागवानी में क्रांति ला जिले से आई है। कर उत्पादन के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर डाले। एक साल में यहां 800 क्विंटल कीवी का उत्पादन हुआ। जिससे किसान को प्रति एकड़ भूमि से दो से ढाई लाख रुपये की आय प्राप्त हो रही है। यह जानकारी जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह ने दी। उन्होंने आगामी दो वर्ष में कीवी का प्रतिवर्ष उत्पादन एक करोड़ रुपये तक पहुंचाने का दावा किया है। इस तरह बागेश्वर जिला कीवी की खेती के क्षेत्र में क्रांति का सूत्रधार बनेगा।
जिले में कीवी का वार्षिक कारोबार 60 लाख रुपये तक पहुंच गया है, जिसे एक करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। शामा गांव के सेवानिवृत्त शिक्षक यानी कीवी मैन भवान सिंह कोरंगा ने कीवी उत्पादन की पहल बीते चार साल पूर्व की थी। वर्तमान में वह हर वर्ष कीवी फलों से 15 लाख से अधिक की आय अर्जित कर रहे हैं। गांव के दूसरे किसान भी उनसे प्रेरणा लेकर कीवी की खेती शुरू कर चुके हैं और इससे अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं।
जिले में 140 किसान कीवी की बागवानी कर रहे हैं। कीवी फल जिले की आबोहवा में अच्छा फल-फूल रहा है। शामा, कौसानी, गरुड़ आदि स्थानों पर किसान कीवी की खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं, जो कि जिले के साथ-साथ प्रदेश के लिए शुभ संकेत है।