उत्तराखंड

जज्बे को सलाम! हरियाणा से देवभूमि साइकिल पर पंहुची 65 साल की कमलेश, नशा मुक्ति का दे रहीं संदेश…

 

किसी ने सच ही कहा है, उम्र बस एक नंबर है। जीवन के किसी भी पड़ाव किसी भी उम्र में नए सफर की शुरुआत की जा सकती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है कमलेश राणा ने । जी हां 65 साल की कमलेश राणा भी एक ऐसे ही सफर पर निकली हैं। जोश और जज्बे से भरी कमलेश साइकिल से नेपाल की यात्रा पर निकली हैं। हरियाणा से साइकिल लेकर निकलीं कमलेश राणा उत्तराखंड पहुंच गई हैं, अब वो नेपाल तक जाएंगी और लोगों को नशा मुक्ति और स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता का संदेश देंगी।

आमतौर पर जिस उम्र को रिटायरमेंट की उम्र मान लिया जाता है, उस उम्र में कमलेश एक नए मिशन पर हैं। वह साइकिलिंग कर कई कीर्तिमान हासिल कर चुकी हैं। कमलेश राणा वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करने के साथ ही विभिन्न प्रतियोगिताओं में कई मेडल भी जीत चुकी हैं। अब कमलेश बढ़ती नशाखोरी कम करने और स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हरियाणा से काठमांडू के लिए साइकिल यात्रा कर रही हैं।

आपको बतादे की साइकिलिस्ट कमलेश हरियाणा की रहने वाली हैं। वह बताती हैं कि साल 2019 में उन्हें शुगर और हार्ट संबंधी समस्या हो गई थी। स्वास्थ्य की देखभाल के लिए कमलेश ने साइकिलिंग शुरू कर दी। धीरे-धीरे कमलेश ने हर बीमारी को मात दे दी। साल 2019 में उन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक 5200 किलोमीटर की साइकिलिंग कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। वह नासिक में 30, 50 और 60 किलोमीटर की साइकिल रनिंग में गोल्ड मेडल भी जीत चुकी हैं। अब कमलेश नशा मुक्ति अभियान पर निकली हैं। जिसके तहत वह हरियाणा से साइकिलिंग शुरू कर नेपाल पहुंचेंगी।

देखा जाए तो जिस उम्र में लोग घर में आराम करते हैं, उस उम्र में कमलेश राणा सैकड़ों किलोमीटर साइकिलिंग कर रही है। आज इनके इस जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है । इनकी इस नई शुरुवात से एक बात यह भी साबित होती है की महिला किसी से कम नही है वो चाहे तो हर मुकाम हासिल कर सकती है फिर चाहे उनकी राह में कितनी ही मुस्किले आ जाए । महिलाए सब आसानी से पार कर लेती है ।

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