उत्तराखंडपौड़ी

बेटी के इंसाफ की मांग को लेकर अंकिता के मां-पिता का धरना शुरू…

उत्तराखंड के चर्चिच अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में अंकिता के माता-पिता सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए अनिश्चितकालनी धरने पर बैठ गए हैं. उनके धरने को स्थानीय लोगों और कई जनप्रतिनिधियों ने अपना समर्थन दिया है. अंकिता के माता-पिता ने सरकार पर गुनहगारों को बचाने का आरोप लगाया है. उन्होंने न्याय न मिलने तक धरना जारी रखने की चेतावनी दी है.

वही आपको बता दे की धरने देने के दौरान अंकिता के परिजन काफी भावुक नजर आए। अकिंता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि एक साल बाद भी उनकी बेटी को इंसाफ नहीं मिल सका है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग बेटी को इंसाफ दिलाने के किए उनकी मदद कर रहे हैं सरकार उन लोगों के खिलाफ साजिश कर उन्हें और उनके परिजनों का या तो ट्रांसफर कर रही है या फर्जी मुकदमे में फंसाने का काम कर रही है। सरकार घटना के गुनहगारों को बचाने में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि जब तक उनको न्याय नहीं मिलता, उनका धरना जारी रहेगा।

बता दे की अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि सरकार वीआईपी का नाम उजागर करने के बजाय मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। सरकार आरोपी पुलकित आर्य की संपत्ति को भी वैध करार दे रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने डोभ श्रीकोट में बने नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर करने की घोषणा की है। लेकिन आज तक उस घोषणा पर कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है। अंकिता केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने की बात भी सीएम धामी ने की है लेकिन मामला सामान्य कोर्ट में ही चलाया जा रहा है।

 

क्या है अंकिता भंडारी मर्डर केस

पौड़ी जिले डोभ श्रीकोट की रहने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी। अंकिता की इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त को नौकरी लगी थी। परन्तु 20 दिन बाद ही बीती 18 सितंबर को वह रिसोर्ट से रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी। जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। परन्तु जब 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला। तो पत्रकार आशुतोष नेगी एवं परिजनों द्वारा इस मामले को जोरशोर से उठाने और डीएम से इस मामले की शिकायत करने के बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया।

जिसके बाद पुलिस जांच में इस मामले में वनंतरा रिजॉर्ट के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई। रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता नहीं थी। इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की।

आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया। आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई। मामले में पुलिस ने पूर्व भाजपा नेता व पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल इस मामला कोर्ट में है।

बीते 16 सितम्बर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय नर्सिंग कॉलेज डोभ (श्रीकोट) का नाम दिवंगत अंकिता भण्डारी के नाम पर रखे जाने का निर्णय लिया है। हालाँकि अभी तक यह कार्य भी नहीं हो पाया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button