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उत्तराखंड के इन गांवों के लिए अनोखा फैसला, शादी में पिलाई शराब तो भुगतना पड़ेगा जुर्माना…

उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के पज्याणा गांव के महिला मंगल दल की पहल को सराहा जा रहा है. सराहना की वजह शराबबंदी है. दरअसल पज्याणा गांव में शादी समारोह या अन्य कार्यक्रमों में शराब परोसने पर बैन लगा दिया है…

उत्तराखंड में शादियों पर शराब पीना और पिलाना काफी बढ़ता जा रहा है । बिना शऱाब के शादी शायद ही होती नजर आए । लेकिन शराब का ये नशा कब किसी शादी में काल बन जाए, कोई बड़ी घटना कर दे किसी को इस बात का अंदाजा नहीं होता । और मांगलिक काम में विघ्न तो पड़ता ही है साथ ही यह आदत कई लोगों के रिश्ते भी तोड़ देती है । ऐसे में चमोली जिले के पज्याणा गांव में शराब को लेकर बड़ा फैसला किया गया है जिसके तहत अब वहां शराब नहीं परोसी जाएगी । यदि ऐसा करता हुआ कोई पाया गया तो उसके खिलाफ गांव के लोग एक्शन लेंगे.

देश में ऐसे कई गांव हैं, जहां शादियों में पूरी तरह से शराब पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसी क्रम में गैरसैंण स्थित पज्याणा गांव ने इससे एक कदम आगे आकर गांव के नशे को रोकने के लिए गांव में शानदार पहल की है, जिसे हर ओर सराहा जा रहा है। अब अगर गांव में होने वाले किसी समारोह में शराब परोसी गई तो जुर्माना वसूला जाएगा। पज्याणा गांव तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर है।

बीते दिनों यहां महिला मंगल दल की बैठक हुई, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी शिक्षिका अंजना रावत ने सार्वजनिक कार्यों और विवाह समारोह में शराब परोसने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की अपील की थी। महिला मंगल दल की ओर से सर्वसम्मति से प्रस्ताव को पारित किया गया।

वही आपको बता दे की अब से गांव में होने वाले सार्वजनिक कार्य और विवाह समारोहों में शराब परोसने पर बैन रहेगा। अगर कोई समारोह में शराब परोसता पाया गया तो पांच हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया जाएगा। कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इस संबंध में महिला मंगल दल के पदाधिकारियों द्वारा गैरसैंण पहुंचकर उपजिलाधिकारी संतोष कुमार पांडे और थानाध्यक्ष गैरसैंण को सहयोग हेतु प्रार्थना पत्र भी दिया गया है।

सामाजिक कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी शिक्षिका अंजना रावत ने कहा कि शराब के चलते आज की युवा पीढ़ी दिन-प्रतिदिन नशे की गिरफ्त में आ रही है। इससे गांव का माहौल भी खराब हो रहा है। महिला मंगल दल अध्यक्ष माधवी देवी ने कहा कि शराब के चलते आज की युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है, परिवार तबाह हो रहे हैं। नशाखोरी रोकने को ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है।

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