
उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2026 तक राज्य को खसरा (Measles) और रूबेला (Rubella) मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से सघन टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है। जुलाई 2025 से अगले तीन महीनों तक विशेष टीकाकरण सप्ताह आयोजित किए जाएंगे।
क्या है योजना?
राज्य स्वास्थ्य विभाग की टास्क फोर्स बैठक में इस अभियान की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। मिशन निदेशक ने कहा कि—
“2026 तक एम.आर. फ्री उत्तराखंड का लक्ष्य हमारी प्राथमिकता है, और इसके लिए हम पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं।”
क्यों ज़रूरी है खसरा-रूबेला उन्मूलन?
खसरा और रूबेला दोनों संक्रामक वायरल बीमारियाँ हैं, जो विशेष रूप से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करती हैं।
ये बीमारियाँ निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर, अंधत्व और मृत्यु का कारण बन सकती हैं।
गर्भवती महिलाओं में रूबेला से भ्रूण विकृति और गर्भपात जैसे गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
टीकाकरण कवरेज और निगरानी
उत्तराखंड सरकार ने 95% या उससे अधिक टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य रखा है, जिससे सामुदायिक प्रतिरक्षा (Herd Immunity) सुनिश्चित हो सके।
UWIN पोर्टल के माध्यम से सभी टीकाकरण सत्रों की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी।
किसी सत्र के न होने की स्थिति में कारणों की समीक्षा कर सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
आगे की तैयारी
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य के सभी जिलों, खासकर दूरदराज के ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में टीकाकरण को लेकर सघन अभियान चलाए जाएंगे।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पुनः प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि हर लक्षित बच्चा और महिला टीकाकरण से वंचित न रहे।
उत्तराखंड सरकार की यह पहल राज्य को Measles-Rubella मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण जनस्वास्थ्य कदम है। यदि योजना अनुसार टीकाकरण अभियान सफल रहता है, तो 2026 के बाद राज्य में खसरा और रूबेला जैसे रोग इतिहास बन सकते हैं।