uttarkashiसांकरी

संवैधानिक नियमों को ताक पर रखते हुए,राज्य निर्वाचन आयोग ने रातों-रात बदल डाले चुनाव -लड़ने संबंधी नियम :

एक ओर यह मुद्दा जहां किसी बड़े राजनीतिक षड्यंत्र की ओर इशारा करता है,वहीं दूसरी ओर आयोग की कार्यशैली और पारदर्शिता पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है:

मामला उत्तरकाशी जनपद के जखोल वार्ड का है, ,जहां जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी रवीना के द्वारा नामांकन पत्र भरते समय झूठा शपथ पत्र दाखिल कर ,यह जानकारी छुपाई गई कि उसका नाम नगर पालिका परिषद पुरोला की निर्वाचक नामावली में भी अंकित है,
जबकि संबंधित प्रत्याशी आज से पांच माह पूर्व हुए नगर निकाय चुनाव में पुरोला नगर पालिका परिषद के राजकीय प्राथमिक विद्यालय खाबली -सेरा में अपना वोट दे चुकी है. वर्तमान समय में प्रत्याशी का नाम नगर -पालिका परिषद पुरोला की निर्वाचन नामावली के साथ-साथ सांकरी – सौड़ ग्राम पंचायत की निर्वाचक नामावली में भी अंकित है.
यदि निर्वाचनअधिनियमों के विभिन्न उपबंधों
को देखा जाए, तो कोई व्यक्ति जिसने किसी निर्वाचन क्षेत्र में वोट दिया है, वह व्यक्ति अन्य किसी
निर्वाचन क्षेत्र में अगले 6 माह तक वोट नहीं कर सकता , चाहे वह अपना नाम पूर्व निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली से विलोपित ही क्यों न कर दे.
एक निर्वाचन क्षेत्र से नाम विलोपित किए बिना दूसरे निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में अपना नाम दर्ज नहीं कर सकता.

संवैधानिक नियमों को तक पर रखते हुए, राज्य निर्वाचन आयोग उत्तराखंड, सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों के दबाव में आकर आदेश पारित कर दे रहे हैं.
अभी बीते दिन 6 तारीख की शाम को निर्वाचन आयोग के द्वारा एक आदेश पारित किया जाता है,जिसमें आयोग का कहना है,कि किसी प्रत्याशी का नाम निर्देशन पत्र इस आधार पर अस्वीकृत नहीं किया जाएगा कि उसका नाम एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र की नामावलियों में अंकित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button