उत्तराखंडदेहरादून

प्रधानमंत्री द्वारा आपदा राहत के 1200 करोड़ की घोषणा पर हरीश रावत प्रीतम सिंह ने क्या कहा:

आपदा राहत, मलिन बस्तियों और हिमालयी रणनीति पर केंद्र सरकार की उदासीनता

स्थान: कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय, देहरादून
तिथि: 12 सितंबर 2025

आज कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत एवं विधायक श्री प्रीतम सिंह ने उत्तराखंड की ज्वलंत समस्याओं पर केंद्र और राज्य सरकार की असंवेदनशीलता को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।

आपदा राहत पैकेज पर सवाल
विधायक प्रीतम सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित ₹1200 करोड़ के राहत पैकेज को “ऊंट के मुंह में जीरा” करार देते हुए कहा कि यह राशि राज्य की वास्तविक क्षति के आकलन के मुकाबले अत्यंत नाकाफी है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 2013 की केदारनाथ आपदा का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने उस समय प्रभावी नियंत्रण और पुनर्वास कार्य किया था, जबकि आज की सरकार राहत के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभा रही है।

मलिन बस्तियों पर सरकार की बेरुखी
कांग्रेस सरकार द्वारा चिन्हित की गई 582 मलिन बस्तियों को उजाड़ने का प्रयास एलिवेटेड रोड परियोजना के माध्यम से किया जा रहा है।
श्री प्रीतम सिंह ने कहा, “सरकार विकास के नाम पर गरीबों को उजाड़ रही है, जबकि कांग्रेस मलिन बस्तियों के साथ खड़ी है।”

हिमालयी क्षेत्रों के लिए राष्ट्रीय रणनीति की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मध्य हिमालयी क्षेत्र में लगातार आ रही आपदाओं से आजीविका पर बुरा असर पड़ रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से जलवायु परिवर्तन और हिमालयी क्षेत्रों के लिए एक समर्पित राष्ट्रीय रणनीति की मांग की।
उन्होंने याद दिलाया कि यूपीए सरकार ने जलवायु परिवर्तन के लिए 8 राष्ट्रीय मिशन लॉन्च किए थे, जिनमें मध्य हिमालय मिशन भी शामिल था।

जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा केंद्र
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राज्यवासियों को प्रधानमंत्री से बड़ी अपेक्षा थी, लेकिन घोषित आर्थिक पैकेज ने उन्हें निराश किया है।
सरकार को चाहिए कि वह राज्य की वास्तविक जरूरतों के अनुरूप राहत और पुनर्वास नीति बनाए, न कि सिर्फ आंकड़ों की राजनीति करे।

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