उत्तराखंडचमोली

चार धाम यात्रा में हैली कंपनियां हुई बेलगाम, पायलटों से गधों की तरह कराया जा रहा है काम:

मोहित डिमरी ने लगाए गंभीर आरोप हेलीकॉप्टर लगा रहे हैं सड़क पर चलने वाले विक्रम और ऑटो के जैसे लगातार चक्कर

उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के महासचिव और मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संस्थापक संयोजक मोहित डिमरी ने हेलीकॉप्टर कंपनियों की मनमानी और लापरवाही को उजागर करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। डिमरी ने कहा कि हेलीकॉप्टर सेवाएं पूरी तरह अव्यवस्थित हो चुकी हैं, जिसके चलते कई हादसे हो चुके हैं, जिसमें हाल ही में हुई एक घटना भी शामिल है।

मोहित डिमरी ने हेलीकॉप्टर संचालन को लेकर कई चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे। बार-बार हो रही घटनाएं इस बात का सबूत हैं कि कंपनियां सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज कर रही हैं। डिमरी ने हेलीकॉप्टर सेवाओं की तुलना ‘विक्रम-ऑटो’ से की, जो अनियंत्रित और असुरक्षित तरीके से चल रही हैं। पायलटों से “गधों की तरह” अत्यधिक काम लिया जा रहा है, जिससे उनकी थकान और तनाव बढ़ रहा है।

हेलीकॉप्टर उचित ऊंचाई बनाए रखने में विफल हो रहे हैं, जो हादसों का एक प्रमुख कारण बन रहा है और इससे वन्य जीवजन्तु प्रभावित हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग आम बात हो गई है, जिससे यात्रियों का शोषण हो रहा है। इन समस्याओं का असर यात्रियों की सुरक्षा और उत्तराखंड के विमानन क्षेत्र की साख पर पड़ रहा है। थके हुए पायलट और ऊंचाई के नियमों का पालन न करना हादसों को न्योता दे रहा है। वहीं, टिकटों की कालाबाजारी से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

डिमरी ने बताया कि केदारनाथ में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सिस्टम स्थापित करने के लिए डीजीसीए और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UKADA) को इन मुद्दों के बारे में कई बार पत्र लिखकर सूचित किया गया है। वे सख्त नियम लागू करने, बेहतर निगरानी और टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है, जो चिंता का विषय है।

मोहित डिमरी ने इस मामले की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा, “स्थिति चिंताजनक है। हम इन मुद्दों को अब और नजरअंदाज नहीं कर सकते। यात्रियों की सुरक्षा और हमारे विमानन क्षेत्र की अखंडता दांव पर है। जल्द ही कंपनी की मनमानी कब खिलाफ़ आंदोलन किया जायेगा” उनका यह बयान अधिकारियों के लिए एक जोरदार चेतावनी है कि अब कार्रवाई जरूरी हो गई है।

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