
मसूरी की सुरम्यवाादी पार्क इस्टेट हाउस में भारत के सर्वेयर जनरल कर्नल सर जार्ज एवरेस्ट की 235वीं जन्म जयंती पर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला और कहा कि उनके द्वारा 250 साल पहले एक निर्जन स्थल पर थियोलायॅड लेकर ओब्जर्वेटरी की स्थापना की और यहां से कई स्थानों की त्रिकोणमितिय विधि अपनाकर हिमालय की दूरी और उचाई नापने का कार्य किया। और इतिहास में अपना नाम दर्ज किया। वक्ताओं ने सर जार्ज एवरेस्ट की उपलब्धियों को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
कुलड़ी स्थित नीलम रेस्टोरेंट में मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसियेशन के तत्वावधान में सर जार्ज एवरेस्ट की 235वीं जन्म जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने एवरेस्ट के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह मसूरी के इतिहास को गौरवान्वित करता है कि विश्व की उंची चोटी में शुमार एवरेस्ट का नाम कर्नल सर जार्ज एवरेस्ट के नाम पर ही रखा गया। उन्होंने कहा कि कई दशक तक जार्ज एवरेस्ट ने भारत में रहकर सर्वे का कार्य किया। दुर्गम और विकट स्थानों पर पहुँचकर थियोलाॅइट के के जरिए सर्वे का कार्य किया। शिक्षक परविंद रावत ने कहा कि सर जाज एवरेस्ट द्वारा पार्क इस्टेट मसूरी में किए गए सर्वे के कार्यो को पाठ्यक्रमों में शामिल किए जाय। जिससे आने वाली पीढ़ी उनके बारे में जान सकें।
संगोष्ठी के संयोजक और मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसियेशन अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि मसूरी के गौरवमयी इतिहास और यहां के नामचीन स्थलों और लोगों के बारे में व्याख्यान माला आयोजित की जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वे समय-समय पर ऐसी संगोष्ठियां आयोजित करते रहेंगे। संगोष्ठी में व्यापार संघ महामंत्री जगजीत कुकरेजा, कोषाध्यक्ष नागेंद्र उनियाल, सतीश जुनेजा, प्रभा बत्र्वाल, अतुल अग्रवाल, सलीम अहमद, प्रभा बत्र्वाल, प्रोमिला नेगी, भगवती प्रसाद रतूडी, पिंकी कुकशाल, सुषमा रावत, अंशी रावत, सरिता पंवार, सुभाष आदि मौजूद थे।