एक कहावत है लालच में इंसान इस कदर अंधा हो जाता है कि उसे सही और गलत का फर्क ही नजर नहीं आता. ऐसा ही एक मामला हरिद्वार में देखने को मिला. जहां आंखों पर लालच की पट्टी बंधने पर एक दरोगा का ही ईमान डोल गया. दरोगा ने दो साथियों ने मिलकर एक नेत्रहीन मां-बेटे को मौत के घाट उतार दिया…
हरिद्वार -:मां-बेटे की हत्या का खुलासा करते हुए हरिद्वार पुलिस ने पुलिस लाइन में तैनात पुलिस दारेागा .छुन्ना सिंह सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि मां-बेटे के पास से बीस लाख रुपए भी दारोगा और इसके साथियों ने लूट लिए थे। पुलिस ने रकम भी दारोगा और उसके साथियों के कब्जे से बरामद किए हैं। वहीं मामले में फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
ये है पूरा मामला
एसएसपी हरिद्वार ने बताया कि कुछ दिन पहले झबरेडा में एक 20 साल के युवक का शव मिला था जिसके जेब से एक पर्ची मिली थी। पर्ची में कुछ नंबर थे और एक नंबर सलेमपुर क्षेत्र के मिस्त्री का था। चूंकि युवक की हत्या की गई थी इसलिए पुलिस ने जांच तेज की और युवक की फोटो से उसकी शिनाख्त हो गई। युवत की शिनाख्त के बाद पुलिस के सामने चौंकाने वाले खुलासे हुए जिसके तार सीधे पुलिस के ही दारेागा .छुन्ना सिंह से जुडे थे।
बिना पति अपने बेटे नरेन्द्र उर्फ राजा का पालन पोषण कर रही कांठ मुरादाबाद निवासी दृष्टिहीन ममता ने वहां की अपनी प्रॉपर्टी बेचकर रोजगार की तलाश में करीब डेढ़ साल पहले हरिद्वार का रुख किया और प्रॉपर्टी बेचकर आए रुपयों से रोशनाबाद हरिद्वार में 01 मकान खरीदा। यहां रोजगार की तलाश के दौरान ममता पुलिस लाइन रोशनाबाद में तैनात एक दरोगा .छुन्ना सिंह और एक अन्य व्यक्ति शहजाद के सम्पर्क में आयी।
बता दे की दोनों ने उसे भरोसे में लेकर प्रॉपर्टी बेचने के लिए उकसाते हुए ये आश्वासन दिया कि वो उसकी देखभाल के साथ-साथ पूरा खयाल रखेंगे। इस बात पर भरोसा कर महिला ने रोशनाबाद स्थित अपने मकान का सौदा 20 लाख रुपए में तय कर मकान बेच दिया जिसमें से 01 लाख रुपए की पेमेंट होनी बाकी थी। बड़ी नगदी हासिल करने का लालच और ऊपर से दृष्टिहीन महिला के परिजनों का डर न होने के चलते दोनों हत्यारोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ महिला और उसके बेटे को रास्ते से हटाकर पूरी रकम ऐंठने का प्लान बना दिया और सही मौके का इंतजार करने लगे।
वहीं प्लान के मुताबिक हत्यारोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए वह वक्त चुना जब महिला अपने मकान का कब्जा नए मकान मालिक को देकर बचे हुए 01 लाख रुपये भी ले चुकी थी। योजना के मुताबिक मां-बेटे को अपने बुलाए गए ऑल्टो कार में बैठाकर ले जाया गया और मौका मिलते ही गला घोंटकर दोनों की हत्या कर दी गई। इसके बाद प्रकरण को बड़ी सनसनी बनने से रोकने के लिए दोनो शवों को अलग-अलग स्थानों पर लावारिस हालत में फेंक दिया गया।
पुलिस टीम ने बंटवारे में आयी रकम से खरीदी गई ऑल्टो कार बरामद करने के पश्चात अब हिस्से में आए शेष नगदी एवं अन्य सामान की रिकवरी के लिए विभिन्न तरीकों से प्रयास कर रही है।